रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को चेतावनी दी कि यदि अमेरिका प्रतिबंधित मिसाइलों को विकसित करता है तो रूस भी ऐसा ही करेगा। पुतिन ने कहा कि अमेरिका यदि एक महत्वपूर्ण हथियार संधि से बाहर निकलता है और उसके द्वारा प्रतिबंधित मिसाइलों को विकसित करना शुरू करता है तो रूस भी ऐसा ही करेगा।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने नाटो की एक बैठक में घोषणा की थी कि अमेरिका रूसी ”धोखाधड़ी के कारण 60 दिनों में इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेस ट्रिटी (आईएनएफ) के तहत अपने दायित्वों को छोड़ेगा। पोम्पियो के बयान के एक दिन बाद बुधवार को पुतिन का बयान आया है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस वर्ष की शुरूआत में आईएनएफ से अलग होने के अपने निर्णय की घोषणा की थी। पुतिन ने टेलीविजन पर दिये अपने बयान में कहा,”ऐसा लगता है कि हमारे अमेरिकी सहयोगियों का मानना है कि स्थिति इतनी बदल गई है कि अमेरिका के पास इस प्रकार के हथियार होने चाहिए। उन्होंने कहा,”हमारी प्रतिक्रिया क्या होगी? एक बहुत ही सरल: उस मामले में, हम वही करेंगे।
The Associated Press: Russian President Vladimir Putin says if the US starts developing intermediate-range missiles, so will Russia. (file pic) pic.twitter.com/pqus3ETDjB
— ANI (@ANI) December 5, 2018
पोम्पियो से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का कहना था कि रूस ने मध्यम दूरी की एक नई मिसाइल बनाकर इस संधि का उल्लंघन किया है, इसलिए अमेरिका इस समझौते को नहीं मानेगा। बता दें कि 1987 में जारी हुए आईएनएफ संधि के तहत कोई भी देश जमीन से दागी जाने वाली ऐसी मिसाइल नहीं बना सकता है, जो कुछ ही मिनटों में कम दूरी वाले लक्ष्य को आसानी से भेद दें।
संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति रॉनल्ड रीगन और तत्कालीन सोवियत संघ के राष्ट्रपति मिखाइल गोर्वाचोफ ने इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर मिसाइलों को समाप्त करने के लिए 8 दिसंबर, 1987 को संधि की थी। इसके तहत दोनों देशों को अपनी कुछ मिसाइलों को नष्ट करके उनकी संख्या निश्चित करनी थी। बताया जाता है कि इस संधि के बाद 1991 तक करीब 2700 मिसाइलों को नष्ट किया गया था।